गुड न्यूज! महाराष्ट्र में सस्ते होंगे घर, रियल एस्टेट इंडस्ट्री को मिलेगी बड़ी सौगात
Maharashtra सरकार डेवलपर्स के द्वारा चुकाए जाने वाले प्रीमियम की दरों में 50 परसेंट कटौती करने जा रही है.
मुंबई में प्रोजेक्ट की कुल लागत का करीब 30 फीसदी हिस्सा प्रीमियम और सेस के रूप में चुकाना पड़ता है. (Image-Reuters)
मुंबई में प्रोजेक्ट की कुल लागत का करीब 30 फीसदी हिस्सा प्रीमियम और सेस के रूप में चुकाना पड़ता है. (Image-Reuters)
स्टाम्प ड्यूटी छूट (Stamp Duty) को मिले जबरदस्त रिस्पॉन्स के बाद अब महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) रियल एस्टेट इंडस्ट्री (real estate industry) के जरिए घर खरीदारों के जरिए और सौगात देने जा रही है. राज्य सरकार रियल एस्टेट सेक्टर को और बूस्ट देने के लिए जल्द ही डेवलपर्स के द्वारा चुकाए जाने वाले प्रीमियम की दरों में 50 परसेंट कटौती करने जा रही है. सरकार के इस फैसले से रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की लागत कम होगी और घर खरीदारों (home buyers) के लिए कीमतें कम होने की राह आसान होगी.
प्रीमियम और सेस में 50 फीसदी की कटौती से बिल्डर्स को बड़ी राहत मिलेगी. क्योंकि, मुंबई में प्रोजेक्ट की कुल लागत का करीब 30 फीसदी हिस्सा प्रीमियम और सेस के रूप में चुकाना पड़ता है. महंगी जमीन, प्रीमियम और सेस के चार्ज की वजह से कुल प्रोजेक्ट की कीमत काफी बढ़ जाती है और घर खरीददार को ज्यादा कीमत देनी पड़ती है.
घर खरीदारों को फायदा (home buyer benefits)
प्रीमियम में कटौती से बिल्डर को होने वाला फायादा ग्राहकों को दिया जाएगा और मुंबई में घरों की कीमतों में कमी होगी. राज्य सरकार ने प्रीमियम की राशि को किस्तों में चुकाने का भी विकल्प दे रही है जिससे बिल्डर्स को नकदी से जुड़ी दिक्कतें नहीं होंगी.
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निर्माण रियल्टर्स के चेयरमैन राजेंद्र सावंत के मुताबिक, अभी प्रीमियम के चार्जेस काफी ज्यादा हैं. अगर इसमें कटौती होती है तो बिल्डर्स को काफी राहत मिलेगी और इसका सीधा फायदा घर खरीदारों को होगा.
राजेंद्र सावंत के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार ने किस्तों में प्रीमियम जमा करने की छूट देकर काफी सहुलियत दी है और इससे बिल्डर्स का कैश फ्लो में बढ़ोतरी हुई है.
9 मीटर रोड पर भी निर्माण को मंजूरी
नए प्रोजेक्ट्स और कंस्ट्रक्शन को रफ्तार देने के लिए राज्य सरकार कंस्ट्रक्शन में 12 मीटर और 16 मीटर की सड़क जरूरी होने की शर्त में भी छूट देने पर विचार कर रही है. राज्य सरकार की तैयारी 9 मीटर की रोड में भी कंस्ट्रक्शन की मंजूरी देने की है, इससे कई नए प्रोजेक्ट्स शुरु हो पाएंगे.
महाराष्ट्र सरकार के हाउसिंग डिपोर्टमेंट के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, राज्य सरकार रियल एस्टेट इंडस्ट्री को बूस्ट देने के लिए कई बड़े फैसले ले रही है. प्रीमियम को किस्तों में चुकाने से लेकर 12 और 16 मीटर की रोड की शर्तों में भी छूट दी जाएगी. और 9 मीटर के रोड के लिए भी कंस्ट्रक्शन को मजूंरी देना पर विचार कर रही है,
कमेटी ने दिया था सुझाव
दीपक पारिख कमेटी ने भी राज्य सरकार को प्रीमियम में कटौती करने का सुझाव दिया था. कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में 22 तरह के प्रीमियम चार्जेस हैं. जबकि बेंगलुरु में बिल्डर्स को 10, दिल्ली में 5 और हैदराबाद में 3 तरह के प्रीमियम चार्जेस देने होते हैं. कमेटी ने भी एक साल तक बिल्डर्स से लिए जाने वाले प्रीमियम चार्जेस में 50 फीसदी की कटौती करने का सुझाव दिया है.
बीएमसी ने भी लिखा खत
BMC कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने भी रियल एस्टेट सेक्टर को राहत देने के लिए शहर विकास मंत्रालय को प्रीमियम, सेस चार्जेस में 50 फीसदी की छूट देने की चिट्ठी लिख चुके हैं. हर साल प्रीमियम और सेस से BMC को करीब 2000- 2500 करोड़ का रिवेन्यू मिलता है. लेकिन 2020 में रेवेन्यू कलैक्शन 600 करोड़ के करीब ही रहा है.
क्या होता है प्रीमियम चार्जेस (Premium Charges)
मुंबई जैसे शहर में जमीन की किल्लत की वजह से बिल्डर को कम जमीन में ज्यादा कंस्ट्रक्शन करना पड़ता है. लिफ्ट, सीढ़ियां, बालकनी वगैरह में अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन की मंजूरी जरूरी होती है जिसके लिए म्युनिसिपल कॉरपोरेशन प्रीमियम और सेस चार्ज करता है. अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन की मंजूरियां प्रोजेक्ट शुरु होने से लेकर प्रोजेक्ट के पूरे होने तक होती हैं.
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08:48 PM IST